इसके पत्ते संयुक्त तथा फूल छोटे तथा हल्के पीले रंग के होते हैं. यह मूल रूप से पूर्वी यूरोप तथा इथियोपिया में पाया जाता था तथा वहां से विश्व के दूसरे भागों मे फैला है. प्राचीन काल से ही इसका उपयोग मेडिटेरेनियन समुद्रतट तथा एशिया के लोगों द्वारा भोजन तथा औषधि के रूप में किया जाता रहा है.
मेथी के विभिन्न नाम:
हिंदी, गुजराती,मराठी व पंजाबी भाषा में इसे मेथी, संस्कृत में मेथिका, कन्नड़ में मेन्तिया, तेलुगु में मेंतुलु,अंग्रेजी में फेनुग्रीक तथा लेटिन में त्रायिगोनेल्ला फोएनम ग्रीकम के नाम से जाना जाता है.
मेथी के गुण अनेक:
यह गरम, कड़वी, हलकी, पौष्टिक - ज्वर, अरुचि,उलटी,कफ,खांसी दूर करने वाली एवं ह्रदय के लिए हितकारी है. इसके बीज भूख बढाने वाले तथा ज्वर तथा कृमिनाशक होते हैं.
प्रकृति का अनुपम उपहार:
मेथी दाना एक सस्ती और सभी जगह मिलने वाली प्राकृतिक देन है. इसके पत्तों का उपयोग सब्जी बना कर किया जाता है जो बहुत ही पौष्टिक और सुपाच्य होती है. इसके पत्तों को सुखा कर भी इसका प्रयोग किया जाता है.
- मेथी के लड्डू भी बनाये जाते हैं जो बहुत ही पौष्टिक होते हुए जोड़ों के दर्द, गठिया,कमर व पीठ के दर्द तथा सायटिका के दर्द को दूर करते हैं. इसके साथ ही सर्दी में उभरने वाले रोगों को दूर करते हैं .
- प्रसव के बाद प्रसूता को मेथी के लड्डूओं का सेवन कराने से गर्भाशय की शुद्धि होती है.
जोड़ों का दर्द:
- २०-३० मेथी के दाने ताजे पानी के साथ सेवन करने से जोड़ों का दर्द, गठिया, सायटिका आदि वात रोगों में लाभ मिलता है.
- मेथी के लड्डू भी इन रोगों में फायदा करते हैं.घुटने और शरीर के जोड़ मज़बूत बने रहते हैं तथा बुढापे में होने वाले रोगों में आराम मिलता है.
- रोज़ सुबह 5 ग्राम मेथी दाना पानी के साथ लेने से वृद्धावस्था में घुटनों तथा दूसरे जोड़ों के दर्द नहीं होते.
- सुबह खाली पेट एक चम्मच मेथी दाना लेने से खून में शर्करा(सुगर) की मात्रा भी कम होती है.
पेट के रोगों में प्रयोग:
- मेथी की सब्जी से अपच (indigestion ) और पेट के कई रोगों में आराम मिलता है.
- एक छोटी चम्मच मेथी दाना हल्के गरम पानी के साथ लेने से दर्द में फायदा मिलता है.
- इसके पत्तों के पकोड़े खाने से पेट की गेस्ट्रिक समस्याओं में आराम मिलता है.
- भूख कम लगाने पर एक चम्मच मेथी दाने को देशी घी में भून कर बारीक पीस लें तथा थोड़ा थोड़ा शहद मिलकर एक महीने तक सेवन करने से लाभ मिलता है.
चोट व सूजन:
- इसके पत्तों को पीस कर पुल्टिस तैयार कर चोट या सूजे हुए अंग पर बाँध दे, इससे चोट के दर्द एवं सूजन में आराम होगा.
पेट के कीड़े:
- बच्चों के पेट में कीड़े हो जाने पर उन्हें १ चम्मच मेथी के पत्तों का रस रोज़ पिलाने से लाभ होगा.
अन्य रोगों में उपयोग:
- सुबह खाली पेट एक चम्मच मेथी दाना लेने से खून में शर्करा(सुगर) की मात्रा भी कम होती है.
- मेथी दाना कब्ज़ ( constipation ) को दूर करता है जिससे कई रोग होने का खतरा रहता है. कब्ज़ के रोगी को रोज़ सुबह शाम एक एक चम्मच मेथी दाना लेना चाहिए. इससे उच्च रक्त चाप, मधुमेह, मानसिक तनाव आदि में फ़ायदा मिलता है.शरीर संतुलित तथा सुडौल रहता है तथा न तो मोटापा चढ़ता है और ना ही कमजोरी रहती है. इसमे विटामिन A प्रचुर मात्रा में होने से आँखों के रोग जैसे रतोंधी आदि दूर होते है.
- मेथी का साग तथा दाना खाने से खून की कमी दूर होती है क्योंकि इसमे लोहे का तत्व प्रचुर मात्रा में होता है.
- इसकी चाय बना कर पीने से पेट की जलन दूर होती है.
- मेथी के बीज की रासायनिक बनावट काड लीवर आयल के समान होती है अतः यह शाकाहारियों के लिए मछली के तेल का अच्छा विकल्प है.
- इसके प्रयोग से रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्र कम हो जाती है. और उच्च ब्लड प्रेशर भी संतुलित रहता है.
- अंकुरित मेथी दाने में कैंसर को नियंत्रित करने वाली विटामिन बी १७ भी विशिष्ट मात्र में पाया जाता है.
मेथी गरम और खुश्क होती है अतः तेज़ गरमी के मौसम में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.
Very-very useful information for health.
ReplyDeleteIt is a wonderful herb. Thanks a lot for providing so much information to use it for various health problems.
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