औषधियुक्त पौधा है पुदीना
पुदीना भारत में प्रायः सभी जगह
पाया जाता है. यह एक सुगन्धित औषधियुक्त पौधा है जो घास की तरह कहीं भी उगाया जा सकता है. पुदीना एक छोटी
सी हर्ब है जो नमी वाली भूमि पर
आसानी से उगता है इसके फूल सफ़ेद-नीले रंग के होते हैं.
यह पचने में आसान, कफ दूर करने वाला
तथा ज्वर, खांसी, जुकाम, त्वचा रोग तथा पेट के कीड़े उलटी आदि रोगों को दूर करने वाला पौधा है.
विभिन्न नाम:
इसे हिंदी,बंगाली,गुजराती, मराठी,तमिल एवं तेलुगु में पुदीना,कन्नड़ में पुदीना सप्पू, उड़िया में पोदना के
नाम से जाना जाता है. विदेशी भाषाओँ में फ्रेंच में baume vert , जर्मन में bachmunze ,
सिन्धी में फुदिना तथा सिंघली भाषा में मिंची, इंग्लिश में spearmint तथा लेटिन में Mentha
spicata नाम से जाना जाता
है.
पाचन तंत्र में पुदीना:
भोजन के बाद पुदीना की ३-४ पत्तियां
खाने से भोजन पचने में आसानी रहती है. इसकी चटनी भी पेट के रोगों में बहुत फायदा
देती है. पुदीने के रस में नींबू तथा पानी मिलाकर पीने से गैस के कारण होने वाला
दर्द दूर होजाता है तथा इसके अर्क से पेट दर्द, अपच, वायु एवं उलटी
आदि में आराम मिलता है.
ज़ुकाम खांसी में उपयोग :
सर्दी, जुकाम तथा खांसी होने पर पुदीना काली मिर्च, बड़ी इलाइची,
नमक और ज़रा सा गुड मिलकर काढ़ा बनाकर पीने से
लाभ होता है. अदरख और पुदीने के रस में शहद मिलाकर पीने से सर्दी जुकाम में आराम
पहुंचता है.
अन्य रोगों में उपयोग:

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