हल्दी हमारी रसोई में रोज़मर्रा में विभिन्न रूपों में उपयोग होने वाली अद्भुत वनस्पति है. यह एकवर्षीय पौधा है जो लगभग २ से ३ फीट ऊँचा होता है तथा एक एक फीट की चौड़ी पत्तियां होती हैं. बारिश के दिनों में इसके पीले रंग के फूल बड़े सुन्दर लगते हैं. ज़मीन के नीचे विकसित होने वाले कंद से व्यवसायिक हल्दी बनायी जाती है. इसका उल्लेख हमारे पुराने ग्रंथों में भी मिलता है तथा प्राचीनकाल से ही इसका उपयोग रसोई के अतिरिक्त आयुर्वेद और यूनानी औषधियों में होता रहा है.
विभिन्न नाम:
हिंदी में हल्दी, संस्कृत में हरिद्र, गुजराती में हलदर, मराठी में हलद, कन्नड़ में अरिशिन, तथा लेटिन में करकुमा लोंगा (Curcuma longa) के नाम से इसे जाना जाता है. संस्कृत में इसको क्रिमिहना भी कहते हैं जिसका अर्थ है कीटाणुनाशक.
गुण:
हल्दी रक्त को शुद्ध करने वाली तथा औषधीय गुणों से भरपूर होती है. यह घाव भरने वाली, चोट तथा सूजन के प्रभाव को दूर करने वाली तथा त्वचा के रंग को निखारने वाली होती है. औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग घरेलू इलाज के रूप में रोगों को दूर करने में किया जाता है. बाहर से पीले रंग की दिखने वाली हल्दी शरीर में जाकर रक्त को शुद्ध तथा लाल रंग का बनाती है अतः यह रक्तशोधक है.
त्वचा सम्बन्धी रोगों में हल्दी का उपयोग:
- हल्दी में पौष्टिक तेलों की मात्रा होती है. इसी वजह से सूखी त्वचा चिकनी और मुलायम बनी रहती है. इसका तेल त्वचा के अन्दर जा कर उसे प्राकृतिक सौंदर्य देता है.चेहरे की झाइयों को हल्दी के प्रयोग से दूर किया जा सकता है. इसके लिए हल्दी का उबटन या हल्दी को शहद में मिलकर लगाने से फायदा होता है.
- फोड़े फुंसी होने पर हल्दी के तेल को रुई से उन पर लगाने से आराम मिलता है.
- दही में हल्दी तथा बादाम पीस कर लगाने से झुलसी हुई त्वचा में और जलन में लाभ होता है.
- दाद या खाज होने पर कच्ची हल्दी का रस लगाने से आराम होता है.
श्वास सम्बन्धी रोगों में हल्दी का उपयोग:
- सर्दी, जुकाम,खांसी व् दांत दर्द में हल्दी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहने से राहत मिलती है.
- हल्दी और शहद बराबर मात्रा में लेकर गोलियां बनालें, इन्हें चूसने से खांसी व् कफ़ दूर होता है.
- गरम पानी में हल्दी डालकर पीने से भी इन रोगों में आराम मिलता है.
- सोते समय दूध में हल्दी डालकर गर्म करके सेवन करने से भी सर्दी, ज़ुकाम, गले की खराश आदि में आराम मिलता है.
चोट तथा मोच में हल्दी का उपयोग:
- चोट, मोच व सूजन होने पर गरम दूध में हल्दी और थोडा सा गुड मिलकर पीने से तकलीफ में आराम मिलता है. तथा हलके गर्म तेल में पिसी हल्दी मिलकर चोट व सूजन पर लगाने से फायदा मिलता है.
- चोट लगे अंग पर हल्दी की पुल्टिस को हल्का गर्म करके बांधने से दर्द और सूजन कम हो जाती है.
अन्य रोगों में हल्दी का प्रयोग:
- अजवायन और हल्दी को पीसकर और मिला कर मंजन की तरह प्रयोग करने से दांत साफ़ और मजबूत होजाते हैं. इस मंजन को लगाकर थोड़ा समय बाद कुल्ला करें तथा लार टपकने दें.
- दांत में कीड़ा लग गया हो तथा उसमे दर्द होता हो तो हल्दी बारीक पीस कर दांत की खोखली जगह में भरने से आराम मिलता है.
- शरीर में पित्ती उछलने तथा फुंसियाँ होने पर पिसी हल्दी को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ मिलता है.
- बर्र या बिच्छू के काटने पर तुरंत हल्दी में नींबू का रस मिलाकर काटे हुए अंग पर लेप करने से दर्द व विष का प्रभाव कम हो जाता है.
हल्दी के नियमित सेवन से अनेक बीमारियों को नष्ट करके यह मानव शरीर का कायाकल्प करदेती है.
*****
Thanks a lot for giving such a valuable information on turmeric as it is available in every kitchen. People can easily take immediately after having any type of hurt, injury, inflammation and pain etc.
ReplyDeleteReally graet...........
Deletety
YKGarg
wow !!!
ReplyDeleteI am very impressed with your fantastic view about turmeric.
thanks ~~~~
YKGarg
Basically nice................
Deletethnx !!!
हल्दी के औषधीय गुण कील मुहासों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद होते है. हल्दी में चन्दन का पाउडर मिला कर लेप लगाने से आप मुहासों से छुटकारा पा सकते हैं.
ReplyDeleteIt is very use full human body
ReplyDeleteIt isvery easy available in place.
Turmeric is very good medicine in cough
ReplyDeletemerit casino - xn--o80b910a26eepc81il5g.online
ReplyDeletePlay 카지노 Online Casino with 3D models. Free Slots, Roulette, 메리트카지노 Blackjack, Video Poker, Roulette, 바카라사이트 Baccarat, Keno.