काली मिर्च महत्वपूर्ण मसालों में से एक है तथा 'king of spices' के नाम से जानी जाती है. यह एक सदाबहार बेल है जो दक्षिण भारत में अधिकतर कौफी स्टेट्स आदि में दूसरे पेड़ों पर चढ़ी हुई पायी जाती है. वैसे तो मूलत यह दक्षिण भारत के वेस्टर्न घाट्स में पाई जाती है किन्तु अब इसे अधिकतर ट्रौपिकल देशों में उगाया जाता है.भोजन में काली मिर्च का उपयोग गर्म मसाले मे किया जाता है.
मसाले के अतिरिक्त काली मिर्च का उपयोग कई रोगों में भी किया जाता है.
१. नेत्र रोगों में:
- काली मिर्च का प्रयोग नेत्र ज्योति में बड़ा सहायक होता है. इस के पावडर को शुद्ध देसी घी के साथ मिलाकर खाने से आँखों की ज्योति के साथ साथ आँखों के कई रोग भी दूर होते हैं.
२. श्वास सम्बन्धी रोगों में:
- आधी चम्मच काली मिर्च के पाउडर को थोड़े गुड में मिलाकर इसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर चूसने से खांसी में आराम मिलता है.
- पानी में तुलसी, काली मिर्च, अदरख, लौंग व् इलाइची डालकर उबालकर इसकी चाय बनाकर पीने से ज़ुकाम व् बुखार में लाभ होता है.
- बारीक पिसी काली मिर्च, मुलहठी और मिश्री मिलाकर रख लें, इस मिश्रण को एक चुटकी शहद के साथ मिलाकर खाने से गले की तकलीफ में लाभ होता है तथा आवाज़ भी साफ होती है.
३. पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों में:
- काली मिर्च को किशमिश के साथ मिलाकर २-३ बार चबाकर खाने से पेट के कीड़े दूर होते हैं.
- छाछ में काली मिर्च पाउडर मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं .
- नीबू के टुकड़ों से बीज निकालकर इसमें पिसा काला नमक और काली मिर्च पाउडर भरकर गर्म करके चूसने से बदहजमी में लाभ होता है.
- एक कप गर्म पानी में ३-४ पिसी काली मिर्च के साथ नीम्बू का रस मिलाकर पीने से गैस की शिकायत दूर होती है.
४. विभिन्न रोगों में :
- नमक के साथ पिसी काली मिर्च मिलाकर दातों में मंजन करने से पायरिया ठीक होता है तथा दांत भी मज़बूत और चमकदार होते हैं.
- पिसी काली मिर्च को थोड़े से शहद के साथ मिलाकर लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है.
- खाने में लाल मिर्च की जगह काली मिर्च का प्रयोग करना अधिक फायदेमंद होता है.
- पानी के साथ काली मिर्च को पीसकर उस लेप को लगाने से सूजन दूर होती है.
- पिसी काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गरम करें. ठंडा करके इस तेल को मांस पेशियों पर लगाने से गठिया के दर्द में फायदा होता है.
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