Tuesday, November 22, 2011

हेल्थ टिप



मसाला चाय में अन्य मसालों के साथ उपयोग की गयी छोटी इलाइची विशेष रूप से मानसिक तनाव ( depression  ) में फायदा देती है.


Cardamom used in Masala tea along with other spices is very useful in depression.

Tuesday, November 15, 2011

विभिन्न रोगों में फायदेमंद हैं दालचीनी और शहद


दालचीनी  एक सदापर्णी (Evergreen)  छोटा पेड़ है. इस पेड़ की सूखी पत्तियां तथा छाल को  पूरे विश्व में मसालों में उपयोग किया जाता है. इसकी छाल थोड़ी मोटी, चिकनी तथा हल्के या कुछ गहरे ब्राउन रंग की होती है. दालचीनी के लिए मोटी छाल के अन्दर की पतली छाल को निकालकर उसे सुखाकर बनाया जाता है. सूखने पर दालचीनी घुमावदार आकृति में बदल जाती है. इस पेड़ के विषय में प्राचीन काल से ही लगभग २७०० ईसा पूर्व से ही पता था.चीनी, रोमन तथा भारतीय इसके औषधीय गुणों से भलीभांति परिचित थे तथा इलाज में इसका उपयोग करते थे. इसे  रक्तशोधक तथा शक्तिवर्धक पावडर और काढ़े  के  रूप में उपयोग किया जाता है.  दक्षिण  भारत में  यह लगभग ५०० मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है. शहद तथा दालचीनी का मिक्सचर अधिकतर बीमारियों जैसे हार्ट डिसीज़ , कोलेस्ट्रोल, त्वचा रोग, सर्दी ज़ुकाम, पेट की बीमारियों आदि में बहुत लाभकारी होता है.


सर्दी जुकाम में दालचीनी: 

  • एक चम्मच शहद में ज़रा सा दालचीनी पाउडर  मिलाकर सुबह शाम लेने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है.
  • हल्के गर्म पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर तथा एक चुटकी पिसी काली मिर्च मिलकर शहद में मिलाकर पीने से जुकाम तथा गले की खराश दूर होती है.
  • इसके पाउडर को थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से ठंडी हवा से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है.

जोड़ों के दर्द में: 

  • हल्के गर्म पानी में इसके पाउडर और थोड़े से शहद को मिलाकर शरीर में दर्द वाले अंग पर लगाने और हलकी मालिश करने से फायदा मिलता है.
  • एक कप हल्के गर्म पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर  पीने से भी जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है.

त्वचारोगों में दालचीनी:

  • त्वचा में खाज और  खुजली होने पर दालचीनी पाउडर तथा शहद बराबर मात्रा में लेकर लगाने से लाभ होता है.
  • इसके पाउडर में थोडा सा नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर  लगाने से कील मुंहासे दूर होते हैं.

अपच में दालचीनी : 

  • इसके प्रयोग से उलटी तथा दस्त में आराम होता है.
  • एक चम्मच शहद के साथ ज़रा से दालचीनी पाउडर को मिलाकर लेने से पेट दर्द और एसिडिटी में आराम मिलता है तथा भोजन आसानी से पच जाता है. 

अन्य रोगों में दालचीनी:
  • एक चम्मच शहद में ज़रा सा दालचीनी का पाउडर मिलाकर दांतों पर रोज़ दो-तीन बार  मलने से दांत दर्द में आराम मिलता है.
  • शहद के साथ ज़रा सा पाउडर मिलाकर लेते रहने से मानसिक तनाव में आराम मिलता है तथा स्मरण शक्ति भी तेज़ होती है.
  • दालचीनी का प्रयोग रक्त शर्करा तथा कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक होता है.
  • यह दूसरी बीमारियों जैसे अस्थमा तथा लकवा   में भी बहुत फायदा पहुंचती है.
  • मसाला चाय में अन्य मसालों जैसे तुलसी, अदरक,इलाइची', लवंग इत्यादि के साथ दालचीनी डालने से यह स्वाद के साथ साथ बहुत फायदा भी देती है.
गर्भवती स्त्रियों को दालचीनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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Tuesday, November 8, 2011

औषधीय गुणों से भरपूर है हल्दी (Turmeric )



हल्दी हमारी रसोई में रोज़मर्रा में विभिन्न रूपों में उपयोग होने वाली अद्भुत वनस्पति है. यह एकवर्षीय पौधा है जो लगभग २ से ३ फीट ऊँचा होता है तथा एक एक फीट की चौड़ी पत्तियां होती हैं. बारिश के दिनों में इसके पीले रंग के फूल बड़े सुन्दर लगते हैं. ज़मीन के नीचे विकसित होने वाले कंद  से व्यवसायिक हल्दी बनायी जाती है.  इसका उल्लेख हमारे पुराने ग्रंथों में भी मिलता है तथा प्राचीनकाल से ही इसका उपयोग रसोई के अतिरिक्त आयुर्वेद और यूनानी औषधियों  में होता रहा है.


विभिन्न नाम:
हिंदी में हल्दी, संस्कृत में हरिद्र, गुजराती में हलदर, मराठी में हलद, कन्नड़ में अरिशिन, तथा लेटिन में करकुमा लोंगा (Curcuma longa) के नाम से इसे जाना जाता है. संस्कृत में इसको क्रिमिहना भी कहते हैं जिसका अर्थ है कीटाणुनाशक.


गुण: 
हल्दी रक्त को शुद्ध करने वाली तथा औषधीय गुणों से भरपूर होती है. यह घाव भरने वाली, चोट तथा सूजन के प्रभाव को दूर करने वाली तथा त्वचा के रंग को निखारने वाली होती है. औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग घरेलू इलाज के रूप में रोगों को दूर करने में किया जाता है.  बाहर से पीले रंग की दिखने वाली हल्दी शरीर में जाकर रक्त को शुद्ध तथा लाल रंग का बनाती  है अतः यह रक्तशोधक है.


त्वचा सम्बन्धी रोगों में हल्दी का उपयोग: 

  • हल्दी में पौष्टिक तेलों की  मात्रा होती है. इसी वजह से सूखी त्वचा चिकनी और मुलायम बनी रहती है. इसका तेल त्वचा के अन्दर जा कर उसे प्राकृतिक सौंदर्य देता है.चेहरे की झाइयों को हल्दी के प्रयोग से दूर किया जा सकता है. इसके लिए हल्दी का उबटन या हल्दी को शहद में मिलकर लगाने से फायदा होता है.
  • फोड़े फुंसी होने पर  हल्दी के तेल को  रुई से उन पर लगाने से आराम मिलता है.
  • दही में हल्दी तथा बादाम पीस कर लगाने से झुलसी हुई त्वचा में और जलन में लाभ होता है.
  • दाद या खाज होने पर कच्ची हल्दी का रस लगाने से आराम होता है.

श्वास सम्बन्धी रोगों में हल्दी का उपयोग:

  • सर्दी, जुकाम,खांसी व् दांत दर्द में हल्दी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहने से राहत मिलती है.
  • हल्दी और शहद बराबर मात्रा में लेकर गोलियां बनालें, इन्हें चूसने से खांसी व्  कफ़ दूर होता है.
  • गरम पानी में हल्दी डालकर पीने से भी इन रोगों में आराम मिलता है.
  • सोते समय दूध में हल्दी डालकर गर्म करके सेवन करने से भी सर्दी, ज़ुकाम, गले की खराश आदि में आराम मिलता है.

चोट तथा मोच में हल्दी का उपयोग:

  • चोट, मोच व सूजन होने पर गरम दूध में हल्दी और थोडा सा गुड मिलकर पीने से तकलीफ में आराम मिलता है. तथा हलके गर्म तेल में पिसी हल्दी मिलकर चोट व सूजन पर लगाने से फायदा मिलता है.
  • चोट लगे अंग पर हल्दी की पुल्टिस को   हल्का  गर्म करके बांधने से दर्द और सूजन कम हो जाती है.

अन्य रोगों में हल्दी का प्रयोग:

  • अजवायन और हल्दी को  पीसकर और मिला कर मंजन की तरह प्रयोग करने से दांत साफ़ और मजबूत होजाते हैं. इस मंजन को लगाकर थोड़ा समय बाद कुल्ला करें तथा लार टपकने दें.
  • दांत में कीड़ा लग गया हो तथा उसमे दर्द होता हो तो हल्दी बारीक पीस कर दांत की खोखली जगह में भरने से आराम मिलता है.
  • शरीर में पित्ती उछलने तथा फुंसियाँ होने पर पिसी हल्दी को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ मिलता है.
  • बर्र या बिच्छू के काटने पर तुरंत हल्दी में नींबू का रस मिलाकर काटे हुए अंग पर लेप करने से दर्द व विष का प्रभाव कम हो जाता है.

हल्दी के नियमित सेवन से अनेक बीमारियों को नष्ट करके यह मानव शरीर का कायाकल्प करदेती है.
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Monday, November 7, 2011

हेल्थ टिप



तुलसी की पत्तियां मानसिक तनाव  में  सहायक होती हैं. इसकी  ६-७ पत्तियां सुबह और शाम  लेने से मानसिक  तनाव में आराम होता है.

Holy Basil leaves play an important role in treatment of stress. Taking 6-7 leaves in morning and evening helps in preventing stress.

Friday, November 4, 2011

हेल्थ टिप


             
                  औरेंज और गुलाब तथा यलांग यलांग आयल को सूंघने से डिप्रेशन तथा मानसिक तनाव दूर होता है. इसी प्रकार गुलाब के फूल तथा ओरेंज को सूंघने से भी फायदा होता है.

                  Inhaling Orange, Rose or Ylang Ylang essential oil helps in insomnia, anxiety and depression. Smelling Rose flowers and Orange also brings you relief.

Wednesday, November 2, 2011

हेल्थ टिप


             नहाने से थोड़ी देर पहले हल्के गरम पानी में नीम की कुछ पत्तियां , देसी गुलाब की कुछ पंखुडियां और नीबू  या संतरे के छिलकों को डाल दें. २०-२५ मिनट  के बाद इस पानी से स्नान करने से त्वचा की कई रोगों से रक्षा होती है और शरीर में एक ताज़गी आ जाती है.

             
             Before taking bath in the morning soak orange/ lemon peels, neem leaves and rose petals in luke warm water and allow it to remain for 20-25 minutes. Taking bath with this water guards skin against a number of skin related ailments and also freshens it up.